Rajasthan में दलित छात्र ने मटकी से पानी लिया तो शिक्षक ने की बेरहमी से पिटाई, बच्चे की उपचार के दौरान मौत
Rajasthan में दलित छात्र ने मटकी से पानी लिया तो शिक्षक ने की बेरहमी से पिटाई, बच्चे की उपचार के दौर
राजस्थान के जालोर में जरा सी बात पर मासूम बच्चे की जान लेने वाला टीचर गिरफ्तार हो गया है. घटना से हर कोई हैरान है. इस टीचर ने इतनी बेरहमी से पिटाई की थी कि बच्चे की कान की नस फट गई और हालत बिगड़ गई. परिजन गुजरात के अस्पताल तक लेकर गए, लेकिन जान नहीं बच सकी. परिजन बच्चे के इलाज के लिए 25 दिन तक भटके. मगर किसी ने सुध नहीं ली. यहां तक कि आरोपी टीचर की तरफ से कोई मदद नहीं दी गई.
ये हैवान टीचर सिर्फ इस बात पर आगबबूला हो गया था कि बच्चे ने स्कूल में उसके घड़े (मटका) का पानी पी लिया था. बच्चा अनुसूचित जाति के परिवार से ताल्लुक रखता था. इस घटना को लेकर पूरे देश में नाराजगी देखने को मिल रही है. जालोर एसपी ने मामले की जांच सीओ को सौंपी है.
घटना जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा की है. पुलिस का कहना है कि परिजन की तहरीर पर टीचर के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट और धारा 302 के तहत केस दर्ज किया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. स्कूल प्राइवेट तौर पर संचालित होता है. वहीं, सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर सरकार को घेरा है.
शिक्षक छैल सिंह मूलतः चितलवाना उपखंड क्षेत्र के झाब कस्बे का रहने वाला है. वो यहां सुराणा गांव में पिछले 16 साल से निजी स्कूल संचालित कर रहा है. छैल सिंह के माता-पिता कैंसर पीड़ित हैं. ये सामान्य परिवार से आता है.
बच्चे को 20 जुलाई को पीटा, पहले उदयपुर लेकर पहुंचे
परिजन का कहना था कि सुराणा गांव में ही सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल संचालित है. यहां उनका बच्चा इंद्र कुमार (9 साल) तीसरी कक्षा का स्टूडेंट था. चाचा किशोर कुमार मेघवाल ने सायला पुलिस थाने में शिकायती पत्र दिया है. उन्होंने बताया कि बच्चा इंद्र कुमार 20 जुलाई को स्कूल में पढ़ने गया था, वहां उमस और गर्मी की वजह से प्यास लगी और आसपास पानी नहीं दिखा तो उसने एक घड़े में रखा पानी गिलास में भरा और पी लिया. ये पानी का घड़ा टीचर छैलसिंह (40 साल) के लिए अलग से रखा हुआ था. बच्चे बताते हैं कि इस घड़ा से किसी को पानी पीने की इजाजत नहीं होती थी. घड़े के पानी को सिर्फ टीचर छैल सिंह ही पीता था.
टीचर को पता चला तो बौखला गया
परिजन कहते हैं कि बेटे इंद्र कुमार ने गलती से पानी पी लिया था. लेकिन, जैसे ही टीचर छैल सिंह को पता चला तो उसने बच्चे को बुलाया और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया. उसके बाद मारपीट करना शुरू कर दी. इस दौरान बेरहमी की हदें पार कर दी और बच्चे को इतना पीटा कि उसके दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आईं. बाद में छात्र ने घर पहुंचकर पिता को घटना की जानकारी दी.
पहले सोचा थोड़ी चोट लगी होगी...
परिजन ने बताया कि पहले सोचा था कि थोड़ी चोट लगी होगी, इसलिए पिता बच्चे के लिए चुराना के एक मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर आए. ज्यादा दर्द होने पर उसे उदयपुर लेकर गए. वहां डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए तो अहमदाबाद के सिविल अस्पताल उपचार में लेकर पहुंचे. लेकिन 13 अगस्त (शनिवार) की शाम चार बजे इंद्र कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई.
हम अपने बेटे को नहीं बचा सके...
पिता देवाराम मेघवाल ने बताया कि मेरा बच्चा सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल सुराणा में पढ़ता था. उसने पानी पीने के लिए मटके को छुआ तो मास्टर छैलसिंह ने पीटा, जिससे उसके कान की नस फट गई. उसके चेहरे और कान में चोटें आईं और वह लगभग बेहोश हो गया था. पहले बच्चे को जालोर के जिला अस्पताल लेकर गए. वहां से उदयपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया. बाद में अहमदाबाद पहुंचे. उसका इलाज अहमदाबाद में करवाया गया, मगर हम उसे बचा नहीं सके. इतना कहते ही देवाराम की आंखें डबडबा गईं और खुद को रोने से नहीं रोक सके.
ना उदयपुर, ना अहमदाबाद... कहीं नहीं मिला आराम
पिता कहते हैं कि उदयपुर के अस्पताल में बेटा एक हफ्ते तक भर्ती रहा. लेकिन, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा था, जिसके बाद उसे अहमदाबाद ले गए. वहां भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ.
पुलिस बोली- बर्तन छूने के आरोप की जांच करेंगे
वहीं, राज्य शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है. राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी मामले को संज्ञान में लिया है और जांच के लिए केस ऑफिसर बनाने के आदेश दिए हैं. जालोर के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि बच्चे को बुरी तरह से पीटा गया था. परिजन ने पिटाई की वजह पीने के पानी के बर्तन को छूना बताया है. हालांकि, अभी तक जांच नहीं की गई है.
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया
उन्होंने कहा कि हमने शिक्षक छैल सिंह के खिलाफ धारा 302 और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है. शिक्षा विभाग ने दो अधिकारियों से मामले की जांच कर प्रखंड शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.